बिहार-झारखंड एकीकृत राज्य की घोषणा के लिए आज २ जून को स्व० बी०पी०मंडल के पैत्रिक गांव मुरहो स्थित उनके समाधी स्थल से जन आंदोलन का बिगुल फूँका गया.इसके लिए बिहार एवं झारखंड के संयुक्त प्रबुद्ध जनों द्वारा 'बिहार-झारखंड एकीकृत राज्य बनाओ संघर्ष समिति' भी बनाई गयी जिसका संयोजक एन०सी०पी० के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सूरज यादव को सर्व-सम्मति से बनाया गया.इस अवसर पर मुरहो में एक लाख हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन १५ अगस्त २०१० को राष्ट्रपति को सौपे जाने के लिए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गयी.इस मौके पर बिहार इकाई के संघर्ष समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए सूरज यादव ने कहा कि बिहार झारखंड के बीच यह कृत्रिम व राजनैतिक स्वार्थ की विभाजन रेखा को जन आंदोलन द्वारा बर्लिन की दीवार की तरह ध्वस्त कर दी जायेगी.
उन्होंने कहा कि बिहार की उजड़ती आर्थिक स्थिति व झारखंड के राजनैतिक अराजकता के मद्देनजर यह भावना दोनों राज्यों के नागरिकों में पनप रही थी कि बिहार और झारखंड को अलग किया जाना दोनों राज्यों तथा उनके नागरिकों के हित में नहीं था.इसे ऐतिहासिक भूल की संज्ञा दी जा सकती है.इस बीच में झारखंड में हो रहे राजनैतिक उठापटक को देखते हुए संघर्ष समिति ने तय किया कि सामाजिक न्याय के प्रणेता स्व० बी० पी० मंडल के समाधि स्थल से जन आंदोलन की शुरुआत कर विभाजन रेखा की समाप्ति कर बिहार झारखंड को एक करने का बीड़ा उठाया जाय.उन्होंने कहा कि झारखंड इकाई की बैठक जून के अंत में देवघर में आयोजित की जायेगी जहाँ से झारखंडवासियों द्वारा हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की जायेगी ताकि २६ जनवरी २०११ को महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जा सके.
बिहार-झारखंड एकीकृत राज्य बनाने हेतु आंदोलन का बिगुल फूँका मधेपुरा से
Reviewed by Rakesh Singh
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June 02, 2010
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Modi Ji Bihar aur Jharkhand ki unity ke liye dono rajyo ko ek kar do. Bifurcation of Bihar hurts all of us.
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