बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने परिसदन मधेपुरा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार बिहार में भूमि विवाद निराकरण विधेयक २००९ बना कर नया कीर्तिमान सरकार ने स्थापित किया है जो किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
उन्होंने कहा कि बिहार में जमीन को लेकर छोटे-मोटे विवाद अक्सर होते रहते हैं,जिससे समाज में उथल पुथल व् आपराधिक घटनाएं भी होती हैं.इस तरह के विवाद को आसानी से सुलझाने के लिए सरकार ने ये विधेयक बनाई है ताकि.....
भूदान, सीलिंग,बटाईदारी एवं आम-खास जमीन से जुड़े जो मामले न्यायालय में निष्पादित होने के बाद भी सरजमीं पर नहीं उतर पाते उसे लागू करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के वास्ते सरकार एक प्राधिकार का गठन जिले में की है,जिसका सर्वे सर्वा अधिकारी डी० सी० एल० आर० होंगे.मंत्री श्री यादव ने कहा कि जमीन से जुड़े छोटे मोटे मामले से जुड़े लिखित शिकायत लोगों द्वारा डी० सी० एल० आर० के पास किया जाएगा .डी० सी० एल० आर० जांच कर तीन माह के अंदर शिकायतकर्ता को न्याय प्रदान करेंगे.उन्होंने कहा कि इसकी समीक्षा समय समय पर साम्बंधित जिले के जिलाधिकारी करेंगे.श्री यादव ने कहा कि जो मामले डी० सी० एल० आर० सम्पादित नहीं कर पायेंगे या उनसे शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं होंगे तो ऐसे लोग उक्त मामले को प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष न्याय के लिए पेश कर सकते हैं और वहां का निर्णय अंतिम निर्णय होगा.मंत्री श्री यादव ने कहा कि बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार जमीन से जुड़े मामलों के प्रति काफी गंभीर हैं इसीलिये अब प्रत्येक अंचलाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि दाखिल-खारिज का काम तत्परता से करें ताकि भूस्वामी परेशान न हो.मंत्री श्री यादव ने यह भी कहा कि अंचलाधिकारी प्रत्येक माह के दूसरे मंगलवार को पंचायत स्तर पर शिविर लगा कर दाखिल-खारिज का काम करेंगे.ऐसा नहीं करने वाले अंचलाधिकारी के विरूद्ध सरकार सख्ती से पेश आएगी.अब तक में दो ऐसे अधिकारी पर सरकार कार्यवाही कर चुकी है.बिहार में इस तरह के क़ानून बनने से लोगों में आशा जगी है कि अब इनके छोटे-मोटे जमीन से जुड़े मानले आसानी से सुलह हो सकते हैं.
आजादी के बाद पहली बार भूमि विवाद निराकरण विधेयक बिहार में पारित- राजस्व मंत्री
Reviewed by Rakesh Singh
on
April 23, 2010
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