पचरासी - जहाँ दूध की नदी बहती है.

राकेश सिंह/17 अप्रैल  2010
मधेपुरा में एक जगह ऐसा भी है,जहाँ श्रद्धालुओं की आस्था इतनी ज्यादा है कि यहाँ दूध की नदी बह जाती है.यह जगह है चौसा प्रखंड से 7 किमी दक्षिण पचरासी ,जहाँ मेष सतुआ संक्रांति के अवसर पर लोक संस्कृति के प्रतीक बाबा विशु राउत की समाधी पर तीन दिनों का मेला लगता है जिसमे देश-विदेश के  लाखों लोग भाग लेते हैं.श्रधालुओं के द्वारा चढ़ाये दूध से दूध की नदी बह जाती है
जिसे मेला समिति द्वारा जमा कर खीर बनाया जाता है,जो प्रसाद के रूप वितरित होता है.इस वर्ष यह मेला 14 अप्रैल से शुरू हुआ है जिसमे लेखक विनोद आजाद द्वारा बाबा विशु राउत की जीवनी व पचरासी मेला की महत्ता पर लिखे एक किताब का विमोचन जिलाधिकारी  डा0 बीरेंद्र प्रसाद यादव ने किया.
 मेले का मुख्य आकर्षण सिनेमा,सर्कस,मौत का कुआं,जादूघर,कुश्ती प्रतियोगिता आदि हैं. मेला समिति द्वारा सारी व्यवस्था भव्य तरीके से की जाती है.
पचरासी - जहाँ दूध की नदी बहती है. पचरासी - जहाँ दूध की नदी बहती है. Reviewed by Rakesh Singh on April 17, 2010 Rating: 5

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